सदियों से सोना संकट का साथी बना रहा है और लोग इस आंख मूंदकर भरोसा करते आए हैं। विदेशी हमलावर भारत को लूटने आते थे क्योंकि इसे सोने की चिड़िया कहा जाता था। जब भी कोई विश्वव्यापी संकट होता है जैसे महायुद्ध या महामारी वगैरह, तो निवेशक सोने की ओर दौड़ते हैं और उसकी खरीदारी करते हैं। इससे सारी दुनिया में इसकी कीमतें बढ़ जाती हैं और लोगों का विश्वास भी। इस समय भी ऐसा ही हो रहा है। कोरोना का कहर सारी दुनिया में है और कई देशों की अर्थव्यवस्थाएं हैं कि ढह रही हैं। भविष्य में क्या होगा, कोई नहीं जानता। यही कारण रहा है कि सोने के प्रति सभी का आकर्षण बढ़ गया है। पहले सिर्फ भारतीय ही सोने में दिलचस्पी लेते थे क्योंकि भारतीय महिलाओं के लिए सोना श्रृंगार का सबसे बड़ा माध्यम रहा है। क्या राजा, क्या रंक सभी को सोना एक ही तरह से अपनी ओर खींचता रहा है। अब आपात स्थिति के कारण सोने के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। पहले ईरान-अमेरिका तनाव के कारण बढ़े थे और अब पिछले सवा साल में ही सोने के दाम लगभग डेढ़ गुना बढ़ गए। पहली जनवरी को सोना 3,998 रुपए प्रति ग्राम पर था और उसके बाद कोरोना कहर ढाने लगा। जबकि पहली मई को यह 4,590 रुपए प्रति ग्राम पर जा पहुंचा। यहां देखने वाली बात यह है कि दिल्ली में पहली जनवरी को सोना 3,240 रुपए प्रति ग्राम पर था। सिर्फ मार्च से अबतक सोने की कीमतों में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो चुकी है। इसकी कीमतों में इतनी तेजी हाल के वर्षों में कभी नहीं देखी गई। यह बताता है कि सोने पर लोगों का कितना विश्वास है और यह कितनी तेजी से अपनी चमक बिखेरता है। यह ध्यान देने वाली बात है कि इस समय देश में सोने और स्वर्णाभूषणों के शोरूम बंद हैं और तब यह हालत है। यानी घरेलू मांग नहीं के बराबर है और इसकी कीमतें अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों से तय हो रही हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि भारत में सोने का उत्पादन नगण्य है और हमें सोना आयात करना होता है। और सच यह भी है कि हम दुनिया के दूसरे सबसे बड़े खरीदार हैं। हर साल औसतन हम 800 टन सोना आयात करते हैं जिसका असर हमारे व्यापार घाटे पर पड़ता है। अब चूंकि पिछले दिनों डॉलर के मुकाबले हमारी मुद्रा भी गिरती रही है इसलिए सोने की कीमतें ऊपर जा रही हैं।
क्या सोने की यह अभूतपूर्व तेजी यहीं रुक जाएगी, यह सवाल बार-बार पूछा जा रहा है। बाज़ार के विश्लेषकों का मानना है कि अभी कोरोना वायरस का असर अर्थव्यवस्थाओं पर खत्म नहीं हुआ है और भविष्य धुंधला है तो ऐसे में सोने के दाम आने वाले हफ्तों में कम से कम 5 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं। यानी सोना ऐसा रिकॉर्ड बनाने जा रहा है जिसके बारे में न कभी सोचा गया था और न सुना गया था क्योंकि सोना अब गहनों के लिए नहीं, भविष्य की सुरक्षा के लिए खरीदा जा रहा है और उसमें सारी दुनिया के लोग शामिल हैं।
अभी दुनिया महामारी की चपेट में है। करोड़ों कारखाने बंद हैं और करोड़ों लोग बेरोजगार भी हैं। दुनिया भर की तमाम अर्थव्यवस्थाएं लड़खड़ा रही हैं। कई तो बर्बादी के कगार पर हैं। दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका तथा यूरोप की हालत पतली है और वहां की सरकारें भी लाचार दिख रही है। ऐसे में कच्चे तेल की मांग कम से कम रहेगी लेकिन दूसरी ओर सोने के प्रति आकर्षण बना रहेगा। सोना अभी किन ऊंचाइयों तक जाएगा, यह कोई नहीं जानता। लेकिन अगर कोरोना वायरस का इलाज या उसका टीका पूरी तरह से इज़ाद हो गया तो सोने के दाम गिरकर फिर ज़मीन छू देंगे।